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"I want"

आर्या वरदान को ऐसे देखकर डर गई थी क्योंकि वरदान बहुत ही ज्यादा डरावना लग रहा था। 

वरदान अपने हाथ को अपनी गर्दन पर रगड़ते हुए बिना भाव से बोला, "तो मैंने तुम्हें स्विमिंग पूल में गिराया था!" उसकी आवाज़ ऐसी थी कि आर्या खुद की घबराहट को रोक ही नहीं पाई।

वरदान बहुत गुस्से में लग रहा था। उसने अपने हाथ को बढ़ाकर आर्या को पकड़ना चाहा, मगर ठीक उसी वक्त पीछे से आवाज़ आई, "मिस्टर वरदान!" वरदान रुक गया। 

प्रिंसिपल सर जल्दी से उसके पास आए। उन्होंने जैसे ही आर्या को देखा, वह अपने मन में बोले, "प्रॉब्लम क्या है? हर बार आर्या ही क्यों मिस्टर वरदान के साथ फंस जाती है?" 

प्रिंसिपल सर परेशान होकर बोले, "मिस्टर वरदान, आपकी क्लास का टाइम हो गया है और मुझे आपको कुछ ज़रूरी बात बतानी है।"

 आर्या ने देखा प्रिंसिपल सर और वरदान एक-दूसरे को सीरियस होकर देख रहे हैं तो आर्या मौका पाकर जल्दी से भाग गई। क्लास में पहुंचते ही वह अपने सीने पर हाथ रखकर बोली, "ऐसा लगता है बच गई।"

तभी आर्या ने देखा सीट पर सिया बैठी हुई है। उसने मुस्कुरा कर पूछा, "क्या हुआ सिया डार्लिंग?"

 सिया उसकी तरफ देखती है, फिर मुंह बनाकर बोली, "कुछ भी नहीं। अब चुपचाप बैठ जाओ। अगर तुमने प्रोफेसर को परेशान करने के लिए कुछ किया तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा। उस दिन तुम चली गई थी लेकिन तुम्हें पता है, तुमने सीट पर जो फेविकोल डाला था उसने उस दिन हम लोगों को कितनी मुसीबत में डाल दिया था? अच्छा हुआ किसी ने भी तुम्हारे खिलाफ कंप्लेंट नहीं की।"

 यह सुनकर सिया घमंड से बोली, "किसकी अंदर इतनी हिम्मत है जो मेरे खिलाफ कंप्लेंट करे? क्या मेरे डैडी उसे सबक नहीं सिखाएंगे?" 

सिया अपने सर पर मारते हुए बोली, "अरे, मैं कैसे भूल गई! तुम्हारे डैडी तो सामने वाले को तुरंत गोली मार देंगे जो भी तुम्हारे खिलाफ जाएगा।" दोनों हंसते हुए बैठ जाती हैं।

 इस वक्त उन्होंने देखा एक लंबा-चौड़ा आदमी क्लास में एंटर करता है जो बहुत हैंडसम लग रहा था। उसने आंखों पर चश्मा लगाया हुआ था और हाथ में एक बुक थी।

उस आदमी को देखते ही क्लास की लड़कियां बस उसे देखती रह गईं। यह कोई और नहीं बल्कि वरदान था। वरदान के आसपास का ऑरा बहुत ही डरावना था।

वरदान अपनी कोल्ड नज़रों से चारों तरफ देखता है। उसके बाद उसने चौक उठाई और ग्रीन बोर्ड पर कुछ शब्द लिखे। 

उसके बाद वह पूरी क्लास को देखते हुए अपने दोनों हाथों को सामने मौजूद टेबल पर रख देता है और भारी आवाज़ में एक शब्द पर ज़ोर देते हुए वह डरावने अंदाज़ में बोला, "मेरी क्लास में कोई भी बदतमीज़ी नहीं चलेगी। जिसने भी बदतमीज़ी की वह मेरी क्लास से बाहर होगा। जिसे नहीं पढ़ना वह भी जा सकता है। जो भी क्लास में एक सेकंड भी लेट आएगा उसे क्लास में एंट्री नहीं मिलेगी। मेरी क्लास में मुझे कोई शोर-शराबा नहीं चाहिए। सभी का पूरा कंसन्ट्रेशन मेरे लेक्चर पर होना चाहिए। याद रखना मैं हर 2 दिन में क्लास टेस्ट लूंगा। जिसके भी मार्क्स 50% से कम होंगे, अगली बार से वह मेरी क्लास अटेंड नहीं करेगा, क्योंकि मुझे बेवकूफों की ज़रूरत नहीं है।" 

वरदान की इतना कहने के बाद पूरे क्लास में सन्नाटा पसर गया था। हर कोई एक-दूसरे को देख रहा था। वरदान पलट कर ग्रीन बोर्ड पर कुछ करने लगा। फिर बिना किसी भाव से बोला, "आज का टॉपिक है ह्यूमन स्ट्रक्चर।"

वरदान की दमदार आवाज़ पूरे क्लास रूम में गूंज रही थी। लड़कियां एकटक वरदान को देखे जा रही थी। किसी का भी ध्यान लेक्चर पर नहीं था, बस वरदान के सेक्सी फिगर पर था। केवल आर्या ही थी जो उसे गुस्से में देखे जा रही थी। 

आर्या अपने मन में बोली, "तो यह हमारा प्रोफेसर है और एक मिनट, क्या मैंने इन्हें स्विमिंग पूल में नहीं गिराया था? ऊपर से सुबह-सुबह भी इससे लड़ाई की थी। अगर इन्होंने मुझ पर अपना गुस्सा निकाल दिया तो मुझे क्लास में अच्छे से रहना पड़ेगा ताकि किसी के सामने मेरी इंसल्ट न हो।" इतना कहते हुए वह जल्दी से ग्रीन बोर्ड की तरफ देखने लगती है जिस पर वरदान ने एक ह्यूमन स्ट्रक्चर बनाया हुआ था।

 वरदान पीछे मुड़कर सभी को देखता है। उसने देखा जितनी भी लड़कियां हैं सब उसे ऊपर से नीचे तक ऐसे देख रही थी जैसे उसे खाने को तैयार हों। 

यह देखते ही वरदान का चेहरा डार्क पड़ गया। फिर उसका ध्यान अचानक ही आर्या की तरफ गया तो उसकी आँखें और भी ज्यादा ठंडी हो गईं, मगर फिर वह नॉर्मल हो गया। 

वरदान अपने हाथ को टेबल पर पटकते हुए बिना भाव से बोला, "क्या तुम लोगों ने मुझे देख लिया?"

वरदान की आवाज़ इतनी डरावनी थी कि सभी लड़कियां डर कर अपने होश में आ गईं।

वरदान क्लास खत्म करने के बाद कोल्ड आवाज़ में बिना किसी भाव से बोला, "मैंने आज जो पढ़ाया है उसका कल टेस्ट होगा।" 

सभी स्टूडेंट सदमे में चले गए। वरदान क्लास से बाहर जा चुका था। वह गुस्से में था। एक लड़की घबरा कर बोली, "कल टेस्ट होगा! लेकिन प्रोफेसर ऐसा कैसे कर सकते हैं? आज उनकी पहली क्लास थी और वह कल टेस्ट लेंगे।"

आर्या भी हैरान होकर बोली, "यह क्या बदतमीज़ी है? एक ही दिन पढ़ाकर कौन टेस्ट लेता है? क्या प्रोफेसर पागल हो गए हैं?" 

आर्या का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया था। सिया उसके कंधे पर हाथ रख कर बोली, "हम कुछ नहीं कर सकते हैं और हां, कल क्लास में लेट मत होना चाहे जो हो जाए। सबसे जल्दी आना, क्योंकि अगर एक सेकंड भी लेट हुए तो प्रोफेसर क्लास के अंदर नहीं आने देंगे।"

आर्या किसी तरह अपने गुस्से को शांत करती है। कॉलेज खत्म होने के बाद वह कॉलेज के बाहर ड्राइवर का इंतज़ार कर रही थी। जैसे ही कार उसके सामने आई, आर्या गुस्से में कार के अंदर बैठ जाती है।

 तभी आर्या का फोन बजने लगा, मगर आर्या कॉल रिसीव नहीं करती। उसने ड्राइवर को देखते हुए गुस्से से कहा, "मुझे बार जाना है।"

यह सुनते ही ड्राइवर बोला, "मैडम, सर का ऑर्डर है आप डायरेक्ट घर जाएंगी क्योंकि सर को किसी ज़रूरी काम से दूसरे शहर में जाना पड़ा है। वह नहीं चाहते कि आप कहीं मुसीबत में फंसें, इसीलिए अभी आपको सीधा घर जाना चाहिए।" 

आर्या गुस्से से बोली, "मुझे कुछ नहीं सुनना है! मुझे बार जाना है।"

ड्राइवर को उसकी बात माननी पड़ती है। आर्या बार चली जाती है। अंदर काफी शोर-शराबा था। वह पूरे 4 घंटे वहां पर रहती है। 

आर्या ने शराब नहीं पी थी इसलिए वह नशे में नहीं थी। बगल में कई सारे लड़के बैठे थे जो केवल आर्या को देख रहे थे। एक ने कहा, "अरे भाई उसकी तरफ देखो! क्या मस्त माल है। चलो उसके पास चलते हैं।" 

दूसरे ने कहा, "रुक जाओ, पहले कुछ देर उसको देखते हैं। अगर उसके साथ कोई आया होगा तो हम प्रॉब्लम में फंस जाएंगे इसलिए जल्दबाज़ी मत करो।" बाकी सब भी उसकी बात मान जाते हैं और अपनी जगह पर बैठे ही आर्या को देखने लगते हैं।

आर्या का फोन फिर से बजता है, मगर आर्या ध्यान नहीं देती। वह उठकर वॉशरूम की तरफ जाने लगती है। अचानक आर्या को लगा उसके पीछे कोई है तो उसके कदम रुक गए। 

उसने पीछे मुड़कर देखा तो वहां कोई नहीं था। फिर से वहां से जाने लगती है।

अचानक हर तरफ अंधेरा ही अंधेरा हो गया। आर्या अपनी जगह पर रुक गई और खुद से बोली, "इतना बड़ा बार है, आखिर यहां लाइट कैसे जा सकती है?"

 उसने अपनी बात पूरी की ही थी कि उसे महसूस हुआ किसी ने उसकी कलाई को पकड़ा हुआ है। आर्या कुछ रिएक्ट करती उससे पहले कोई उसे रूम में खींच लेता है और उसे दीवार से सटा लेता है। आर्या इस वक्त दीवार और उस आदमी के बीच फंसी हुई थी।

"आह!" आर्या की चीख रूम में गूंज उठी, मगर एक मर्दाना महक उसके नाक में घुस चुकी थी। उसे थोड़ी-थोड़ी तंबाकू की भी महक आ रही थी। आर्या के दिल में डर बैठ गया क्योंकि यह वही महक थी जो उसे उस आदमी के पास महसूस होती थी जो उसके पीछे पड़ा था। 

आर्या कुछ बोल नहीं पा रही थी। तभी सामने मौजूद आदमी एक साइको की तरह उसकी गर्दन को स्मेल करता है। 

फिर अपनी नाक को उसके बालों पर सहलाते हुए दिल दहला देने वाली आवाज़ में बोला, "तुम्हारी खुशबू हमेशा मुझे पागल कर देती है, लेकिन इस वक्त किसी और चीज़ ने मुझे पागल किया है।" इतना कहते ही उसने गुस्से से आर्या के बालों को खींच लिया।

 फिर उसके गालों को दबाते हुए बेहद गुस्से से बोला, "तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मेरे फोन कॉल को इग्नोर करने की? क्या तुम भूल गई मैंने कहा था अगर तुमने कोई चालाकी की तो तुम्हारे डैडी को मार डालूंगा? लगता है तुमने मुझे हल्के में लिया है।" 

इतना कहते ही वह आर्या के और करीब आया। उसने अपना हाथ आर्या की थाई पर रखा तो आर्या के रोंगटे खड़े हो गए।

आर्या हकला कर बोली, "तुम... तुम...!"

तभी आर्या को महसूस हुआ उस आदमी के हाथ उसकी स्कर्ट के अंदर थे। वह आदमी अपने होठों को टॉप के ऊपर से ही आर्या के सीने पर रखते हुए बोला, "आई लाइक दीज़ एंड वॉन्ट टू टेस्ट देम।"

आर्या का दिमाग काम नहीं कर रहा था क्योंकि वह सदमे में थी। किसी ने आज तक उसे ऐसे नहीं छुआ था और ये सब नहीं कहा था। उसकी आँखों में आंसू थे लेकिन डर के कारण कुछ कर नहीं पा रही थी।

 वह आदमी धीरे-धीरे उसके ब्रेस्ट को सहलाते हुए उसके टॉप को कंधे से नीचे कर देता है। आर्या होश में आई। वह जल्दी से उस इंसान के सीने पर हाथ रखती है और उसे खुद से दूर करते हुए घबरा कर बोली, "छोड़ दो ना मुझे! छोड़ो! क्या तुम पागल हो गए हो? यह तुम क्या कर रहे हो?"

मगर ना तो आर्या उस आदमी का चेहरा देख पा रही थी, ना रोक पा रही थी। तभी उस आदमी की आवाज़ सुनकर आर्या का पूरा शरीर जम गया, 

"तुम मेरी हो। अगर मैं आज रात तुम्हारे शरीर पर अपनी मुहर नहीं लगाई तो तुम भूल जाओगी कि तुम मेरी हो।”

कंटिन्यू,,

आगे जानने के लिए बने रहे।

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