रघुवीर जी और आर्या शॉपिंग के बाद सीधे घर आ जाते हैं। आर्या काफ़ी चुपचाप थी, इसलिए रघुवीर जी थोड़े से परेशान थे। घर पहुँचने पर आर्या अपने रूम की तरफ जाने लगी।
तो रघुवीर जी उसे देखते हुए बोले, "आर्या!"
आर्या उनकी तरफ पलट कर देखती है तो रघुवीर जी बोले, "तुम ठीक तो हो ना? तुम कुछ बोल नहीं रही हो।"
आर्या मुस्कुरा कर बोली, "डैडी, मैं बस थक गई। मैं थोड़ी देर सो जाऊँगी तो मैं ठीक हो जाऊँगी।" इतना कहने के बाद आर्या अपने रूम में चली जाती है और अंदर से दरवाज़ा बंद कर देती है।
रघुवीर जी के चेहरे के हाव-भाव बहुत ही ज़्यादा ठंडे हो जाते हैं।
रघुवीर जी गुस्से से गार्ड्स को पलट कर देखते हैं। रघुवीर जी ने दाँत पीसकर कहा, "क्या पता चला कि पार्क में वह सब किसने किया था?"
गार्ड डर कर अपना सर झुका लेते हैं।
एक गार्ड थोड़ा डरते हुए बोला, "सर, हमने वहाँ की सीसीटीवी फुटेज चेक की है, मगर हमें कुछ भी नहीं मिला है। ऐसा लग रहा था सच में वह बस एक दुर्घटना थी। किसी ने यह सब कुछ जानबूझकर नहीं किया है। और “....
वह आगे अपनी बात पूरी करता, उससे पहले ही रघुवीर जी अपनी बंदूक निकालकर उसके माथे के बीचो-बीच गोली मार देते हैं।
अगले ही पल वहाँ पर सन्नाटा छा जाता है। हर कोई डर कर एक दूसरे को देखने लगा। रघुवीर जी गुस्से से बोले, "मैं किसी से सफ़ाई नहीं माँग रहा हूँ। मुझे बस जानना है कि किसके कारण मेरी बेटी की यह हालत हुई है। क्या मैं तुम लोगों को बेवकूफ नज़र आता हूँ? जब वह झूले पर बैठी थी तब उसके सामने एक आदमी बैठा था, मगर जब वह झूले से उतरी तो उसके सामने बैठा आदमी गायब था। पता करो वह आदमी कौन था! ज़रूर उसने झूले पर आर्या के साथ कुछ किया है। अगर तुम लोग कल सुबह तक कुछ भी पता नहीं लगा पाए तो खुद को गोली मार लेना।" इतना कहते ही रघुवीर जी अपने स्टडी रूम की तरफ चले जाते हैं।
गार्ड्स अपनी जगह पर खड़े होकर एक दूसरे को देखने लगे मगर किसी की हिम्मत नहीं हो रही थी कुछ बोल दें।
आर्या अपने रूम में बेड पर बैठी हुई थी। वह काफी ज़्यादा घबराई हुई थी। उसने अपने होठों को काटा, फिर उस आदमी की बातों को याद करने लगी तो एक बार फिर से डर के कारण उसके रोंगटे खड़े हो गए।
अचानक उसका फ़ोन बजने लगता है। आर्या ने देखा अननोन नंबर है। उसकी हिम्मत नहीं हो रही थी कि वह फ़ोन उठा ले, मगर गहरी साँस लेते हुए वह कॉल रिसीव करके विंडो के पास आ जाती है।
फ़ोन के दूसरी तरफ से कोई भी आवाज़ नहीं आ रही थी। आर्या धीमी आवाज़ में बोली, "हेलो, कौन?"
मगर दूसरी तरफ से अभी भी कोई आवाज़ नहीं आई। आर्या अपनी आइब्रो सिकोड़ते हुए बोली, "कौन है?"
इस बार भी कोई आवाज़ नहीं आई तो आर्या गुस्से से बोली, "अरे! जब बात ही नहीं करनी है तो कॉल क्यों किया है?"
इतना कहकर वह गुस्से से कॉल कट कर ही नहीं पाई थी कि अचानक फ़ोन के दूसरे तरफ से एक भारी और डरावनी आवाज़ आई, "बेबी!"
इस आवाज़ को सुनते ही आर्या अपने दाँत पीस लेती है। उसने तुरंत कॉल कट कर दिया।
आर्या घबराते हुए विंडो भी बंद कर देती है और बेड पर बैठकर खुद से बोली, 'इस आदमी को मेरा फ़ोन नंबर कैसे मिला? मेरा फ़ोन नंबर मुश्किल से केवल पाँच लोगों के पास है, मगर इसे कैसे पता चला कि मेरा फ़ोन नंबर क्या है? इसने मुझे कॉल भी किया, यहाँ तक की मेरे पीछे-पीछे पार्क भी चला आया। यह कौन हो सकता है? मैं ऐसे डर नहीं सकती। मुझे इसके बारे में पता लगाना होगा।' इतना कहते ही वह किसी को कॉल करने लगती है।
कुछ ही देर में कॉल रिसीव हुआ तो आर्या सीरियस होकर बोली, "हेलो अंकल, मुझे आपकी एक हेल्प चाहिए, लेकिन आप डैडी को इस बारे में कुछ नहीं बता सकते।" इतना कहते ही आर्या कुछ देर तक बात करती है।
कॉल कट करने के बाद उसने राहत की साँस लेकर कहा, "मुझे जल्दी पता चल जाएगा वह आदमी कौन है जो मुझे डराने की कोशिश कर रहा है। यह ज़रूर डैडी का कोई दुश्मन होगा, लेकिन अगर सच में उसने डैडी को नुकसान पहुँचा दिया तो? नहीं, नहीं। मुझे डैडी की सिक्योरिटी बढ़ाने के बारे में डैडी से बात करनी होगी।" इतना कहते ही आर्या थोड़ी देर के लिए लेट जाती है। वह बहुत ज़्यादा थक गई थी, इसलिए कब गहरी नींद में चली गई पता ही नहीं चला।
अगली सुबह, आर्या कॉलेज पहुँच गई थी। आर्या ने ब्लैक कलर की मिनी स्कर्ट और रेड कलर का टॉप पहना था।
उसने अपने बालों को पोनी में बाँधा था। आर्या हाई हील्स पहनी हुई थी। वह बहुत ही क्यूट, एलिगेंट और खूबसूरत लग रही थी।
आर्या धीरे-धीरे कॉलेज के अंदर जाते हुए खुद से बोली, 'सिया अभी तक आई क्यों नहीं है? पता नहीं मेरा कॉल क्यों नहीं रिसीव कर रही।'
आर्या वॉशरूम की तरफ चली जाती है। कुछ देर बाद जब वह वॉशरूम के अंदर मिरर के पास खड़े होकर अपने बालों को सही कर रही थी, अचानक वहाँ की लाइट बंद हो गई।
आर्या परेशान होकर बोली, "अब यह क्या प्रॉब्लम हो गई?"
उसने जैसे ही यह शब्द कहा, अचानक उसे अपनी गर्दन के पास कुछ महसूस हुआ। आर्या के रोंगटे खड़े हो गए।
वह कुछ कहती, उससे पहले ही उसके कानों में एक डरावनी आवाज़ पड़ी, "बेबी! बहुत हिम्मत है तुम्हारे अंदर जो तुमने कल मेरा कॉल कट कर दिया। अब इसकी सज़ा तो मिलेगी।"
इतना कहते हुए वह हँसने लगा। आर्या कुछ बोल नहीं पा रही थी। उसे अपने कंधे पर एक हाथ महसूस हो रहा था। वह इतनी डर गई थी कि उसने पीछे मुड़कर भी नहीं देखा और जल्दी से वॉशरूम से बाहर भाग गई।
डर के कारण वह गिरते-गिरते बची थी, मगर दीवार को कसकर पकड़ते हुए वह फिर से भागने लगी। डर के कारण उसका चेहरा पीला पड़ गया था।
आर्या की हील्स मुड़ गईं और वह फ़र्श पर गिर गई। आर्या घबराकर बोली, "नहीं, मुझे भागना होगा! हे भगवान, आखिर आपने किस पागल को मेरे पीछे छोड़ दिया है? अब मैं क्या करूँ? हर प्रॉब्लम मेरे पास क्यों आती है?" इतना कहते ही वह डर कर फिर से भागने लगी।
आर्या बार-बार पीछे मुड़कर देख रही थी। उसने ध्यान नहीं दिया कि दूसरी तरफ से कोई आ रहा है। आर्या जब तक सामने देखती तब तक बहुत देर हो गई थी।
वह सामने आ रहे इंसान से टकरा गई और फिर फ़र्श पर गिर गई। सामने खड़े इंसान के हाथ में एक फ़ाइल थी जो आर्या के टकराने के कारण ज़मीन पर गिर गई थी। आसपास कई सारे पेपर फैले हुए थे।
उस इंसान की आँखें गुस्से में लाल हो गई थीं। उसने बिना किसी भाव से आर्या को देखा। आर्या अपने घुटने को पकड़ कर घबराते हुए एक नज़र पीछे देखती है, फिर डर कर जैसे ही उसने सामने देखा, हैरान हो गई।
कुछ देर के लिए वहाँ पर शांति छा गई थी। कोई कुछ नहीं बोला। तभी आर्या एकदम से बोली, "आप... आप तो वही आदमी हैं जिन्होंने मुझे स्विमिंग पूल में धक्का दिया था!"
वरदान गुस्से से आर्या को देख रहा था। वरदान ने ब्लैक कलर की पैंट और व्हाइट कलर की शर्ट पहनी थी। शर्ट का एक बटन खुला था। उसकी आँखें गहरी काली थीं।
उसके बाल माथे पर बिखरे हुए थे। हाथों में ब्लैक कलर की वॉच पहनी थी। वरदान बहुत ही डरावना लग रहा था। उसने आर्या के इल्ज़ाम को सुना तो वह और भी ज़्यादा गुस्सा हो गया।
आर्या अपनी जगह पर खड़ी हो जाती है। फिर गुस्से से वरदान को देखते हुए बोली, "एक तो मुझे धक्का देकर गिरा दिया और सॉरी भी नहीं कहा! उस दिन स्विमिंग पूल में भी गिराकर सॉरी नहीं कहा था!"
वरदान एक कदम बढ़ाता है। आर्या घबराते हुए अपने कदम पीछे कर लेती है। वरदान उसे ऊपर से नीचे तक ठंडे भाव से देखता है, फिर उसके होठों पर एक अजीब सी मुस्कुराहट आ गई।
उसने अपने गर्दन में हाथ फेरा, फिर आर्या की तरफ बढ़ते हुए ठंडी आवाज़ में बोला, "आर्या ओबेरॉय।"
आर्या आँखें छोटी करके बोली, "आपको मेरा नाम कैसे पता चला? एक मिनट, कहीं आप मुझे जानबूझकर परेशान तो नहीं कर रहे हैं? अगर ऐसा है तो मैं आपकी कंप्लेंट कर दूँगी।"
वरदान के चेहरे पर अभी भी कोई भाव नहीं आया क्योंकि वह अपने गुस्से को रोक रहा है। वरदान आर्या के एकदम करीब
पहुँच गया। उसने अपने हाथ को उठाया।
आर्या को लगा वह थप्पड़ मारने वाला है तो वह घबराहट से अपनी आँखें बंद कर लेती है और चिल्लाते हुए बोली, "नहीं! अगर मुझे थप्पड़ मारा तो यह अच्छा नहीं होगा!"
कंटिन्यू,,
आगे जानने के लिए बने रहे।
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