आर्या जब नीचे का नज़ारा देखती है तो वह घबरा जाती है।
वह जल्दी से नीचे जाकर बोली, "डैडी, आप यह क्या कर रहे हैं?"
आर्या की आवाज़ सुनकर नीचे मौजूद सभी लोग उसकी तरफ़ देखने लगते हैं।
आर्या के डैडी जब आर्या को सही सलामत देखते हैं तो वह राहत की साँस लेते हैं।
आर्या के डैडी ने आर्या को गले लगाया और उसके बालों में हाथ फेरते हुए बोले, "आर्या, तुम रात भर कहाँ थी?"
आर्या की नज़र तो ज़मीन पर पड़े बॉडीगार्ड की लाश पर थी जो कल रात उसके साथ था, मगर अब वह मर चुका था।
आर्या ने देखा उस बॉडीगार्ड के माथे पर गोली लगी थी। उसने तुरंत अपने डैडी से पूछा, "डैडी, आपने उसे क्यों मार दिया?"
आर्या के डैडी गुस्से से बोले, "रघुवीर ओबेरॉय कभी भी ग़लती बर्दाश्त नहीं करता। इस गार्ड की एक लापरवाही के कारण ही कल रात मैं तुम्हें नहीं ढूँढ पाया था, इसलिए इस गार्ड को सज़ा मिली है। पर तुम घर कैसे आई?"
आर्या अंदर से घबराई हुई थी, उसे याद आ गया कल रात क्या हुआ था।
उसने अपनी मुट्ठी बंद कर दी, मगर अपनी घबराहट को रोकते हुए बोली, "डैडी, मैं... मैं बहुत नशे में थी। मुझे खुद ही नहीं पता मैं कैसे घर आ गई थी। चलिए इस बात को यहीं छोड़ते हैं, मुझे कॉलेज जाना है।"
रघुवीर जी आर्या को मुस्कुराकर देखते हुए बोले, "ठीक है, जाकर रेडी हो जाओ। मैं तुम्हारे लिए नाश्ता आज खुद बनाऊँगा।"
आर्या उस बॉडीगार्ड की लाश को एक नज़र देखती है और घबराते हुए अपने रूम में भाग जाती है।
उसके जाते ही रघुवीर जी के चेहरे पर गुस्सा साफ़ नज़र आने लगा। उन्होंने बाक़ी गार्ड्स को देखते हुए उन्हें धमकी दी, "अगर अगली बार से मेरी बेटी लापता हुई या उसे एक खरोंच भी आई तो तुम में से कोई भी ज़िंदा नहीं बचेगा, याद रखना।" इतना कहते ही रघुवीर जी किचन की तरफ़ जाने लगे।
बाक़ी गार्ड्स तुरंत ज़मीन पर पड़े गार्ड को उठाकर चले गए और नौकर फ़र्श पर फैला खून साफ़ कर देते हैं।
कुछ देर में आर्या नीचे आती है। आर्या ने मिनी स्कर्ट और वाइट कलर का टॉप पहना था। उसके बाल पोनी में बंधे थे, वह बहुत खूबसूरत लग रही थी।
आर्या एक नज़र फ़र्श पर देखती है, मगर वहाँ अब कोई खून नहीं था।
रघुवीर जी ब्रेकफ़ास्ट डाइनिंग टेबल पर रखते हुए मुस्कुराकर बोल, "क्या हुआ बेटा? जल्दी से आओ वरना तुम्हें कॉलेज के लिए लेट हो जाएगा।"
आर्या जल्दी से उनके पास जाती है। उसे अब घबराहट हो रही थी, मगर चुपचाप ब्रेकफ़ास्ट करने के बाद वह कॉलेज चली गई।
कुछ देर बाद आर्या अपने कॉलेज पहुँच जाती है। कॉलेज बहुत बड़ा था और सारे स्टूडेंट इस वक़्त बाहर ही मौजूद थे। वे सब किसी चीज़ के बारे में बात कर रहे थे।
आर्या सबको इग्नोर करते हुए अंदर जा रही थी, तभी एक लड़की जो लगभग 20 साल की थी, वह भागते हुए आर्या के पास आई और उसका हाथ पकड़कर खुश होकर बोली, "आर्या, तुम कहाँ रह गई थी? क्या तुम्हें पता है हमारे पुराने बायोलॉजी के प्रोफ़ेसर का ट्रांसफर हो गया? मैं बहुत ही ज़्यादा खुश हूँ। मैंने सुना है हमारे नए प्रोफ़ेसर बहुत ही हैंडसम हैं। हमारे प्रोफ़ेसर की उम्र लगभग 32 साल है। मैं बहुत ही एक्साइटेड हूँ हमारे नए प्रोफ़ेसर से मिलने के लिए।"
आर्या यह सुनते ही घूरकर अपने दोस्त को देखते हुए बोली, "सिया, तुम इतनी खुश क्यों हो? ना तो मुझे पहले वाले प्रोफ़ेसर पसंद थे ना शायद नए वाले पसंद होंगे। बेहतर होगा इस वक़्त कोई मेरे सामने ना आए, मेरा मूड बहुत ख़राब है।"
सिया हैरानी से बोली, "क्या हुआ मेरी बेबी डॉल को?"
आर्या अपनी मुट्ठी बनाकर बोली, "क्या तुम भूल गई पहले वाले प्रोफ़ेसर को हमने कितना परेशान किया था? मगर फिर भी वह कभी भी कॉलेज छोड़कर नहीं गए। अब किसी तरह उनका ट्रांसफर हुआ तो नए प्रोफ़ेसर आ गए। इन्हें भी किसी तरह भगाना होगा।" इतना कहते ही आर्या खुश हो गई और सिया का हाथ पकड़कर अंदर जाने लगी।
क्लास के अंदर पहुँचते ही आर्या ने देखा हर कोई उस प्रोफ़ेसर के बारे में बात कर रहा है तो वह गुस्से से अपनी सीट पर बैठ गई, फिर सिया से बोली, "आज देखना उस नए प्रोफ़ेसर का मैं कैसे मज़ाक बनाती हूँ।" इतना कहते ही आर्या अपने बैग से कुछ निकालती है और प्रोफ़ेसर की सीट के पास चली गई।
आर्या ने प्रोफ़ेसर की चेयर पर ढेर सारा ग्लू डाल दिया और डेस्क पर भी ढेर सारा ग्लू डाल दिया।
आर्या डेविल स्माइल करके बोली, "मिस्टर प्रोफ़ेसर, आज आपका अच्छे से वेलकम होगा।" इतना कहते ही वह खुश होकर अपनी सीट पर बैठ गई।
आर्या का फ़ोन बजने लगा इसलिए आर्या तुरंत क्लास से बाहर निकल गई।
फ़ोन पर बात करते-करते आर्या स्विमिंग साइड आ जाती है। वहाँ पर पहले से ही कोई खड़े होकर बातें कर रहा था।
आर्या फ़ोन पर बात करते हुए गुस्से से बोली, "क्या कहा तुमने? तुम्हारी हिम्मत भी कैसे हुई मुझे ब्लैकमेल करने की? तुम्हें पता नहीं है मैं कौन हूँ? एक मुक्का मारकर तुम्हारी अक़्ल ठिकाने लगा दूँगी।" इतना कहते हुए आर्या मुक्का बनाकर हवा में ही मारती है, मगर आर्या ने ध्यान नहीं दिया कि वह मुक्का सीधा स्विमिंग पूल के पास खड़े एक आदमी को लग गया।
वह आदमी पलटकर बहुत ही गुस्से से आर्या को देख रहा था, मगर तभी आर्या स्विमिंग पूल के एकदम किनारे आ जाती है।
आर्या गुस्से से पैर पटककर बोली, "अगर हिम्मत है तो सामने आओ, फिर बताती हूँ कौन ज़्यादा ताक़तवर है। मैं तुम्हें आह..."
आर्या अचानक ही चिल्लाते हुए अपनी आँखें बंद कर लेती है क्योंकि उसका पैर फिसल गया था और वह स्विमिंग पूल में गिरने लगी।
खुद को बचाने के लिए आर्या ने बगल में खड़े उस आदमी के शर्ट के कॉलर को पकड़ लिया।
उस आदमी को भी इसकी उम्मीद नहीं थी इसलिए आर्या के साथ-साथ वह भी स्विमिंग पूल में गिर गया।
ठीक उसी वक़्त प्रिंसिपल भागते हुए वहाँ आए, मगर जब उन्होंने उस आदमी को स्विमिंग पूल में गिरते हुए देखा तो प्रिंसिपल घबराकर बोले, "मिस्टर वरदान!”
कंटिन्यू,,,,,
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